आज मन उदास है!!

बहुत दिनों के बाद मन आज उदास है!!
जीवन में न तो कोई बात है,
और न ही कोई बात, कुछ ख़ास है
शायद यही बात है
की आज मन उदास है!
रोने की कोई बात नहीं,
और न हसने को कोई साथ है!
कुछ कई दिनों से मैं अकेला हूँ......
बड़ी अजीब बात है...
की आज मन उदास है!
हर पल पर कुछ पल आराम है,
हर काम बहुत कुछ आसान है,
कोई काम नहीं बहुत महान है,
जाने किस सुख की आस है
की आज मन उदास है!!
सपनो पर अपनों का बोझ है,
अपनों पर सपनो का बोझ है,
न फल और न कर्म का कोई बोध है,
कुछ विचित्र सी बात है.....
की आज मन उदास है!!
गुलाब की बंद कलियों से, नहीं खुलने की आस है,
जीवन में जवानी का नहीं कोई आभास है,
मरी घास पर पड़ी ओस सी, बदरंग है जिंदगी,
ये किसके सन्दर्भ की बात है,
की मेरा मन आज उदास है?!


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