अर्थ क्या है??
इस जीवन का.....
अर्थ क्या है??
समरसता का.....
अर्थ क्या है??
व्यक्तित्व के अस्तित्व का.....
अर्थ क्या है?
ह्रदय में पनपती इन भावनाओ का......
अर्थ क्या है?
छतनार बीच इस मृत-वृक्ष का......
अर्थ क्या है?
जीवन की मरुभूमि में,
कुछ क्षण की मरीचिका का....
अर्थ क्या है?
जब प्रेम ही जीवन की उत्पत्ति का आधार है,
फिर निर्भाव कर्मठता से,
इस प्रेम के विध्वंस का....
अर्थ क्या है?
सारी धरती पर एकांत नहीं,
अगड़ित मानवों में कोई खास नहीं,
वैयक्तिकता के तांडव में,
सामाजिकता की होलिका का...
अर्थ क्या है??
मनुष्य की निर्बलता का...
अहम् से दुर्बलता का...
प्रणय की निर्धनता का.....
अर्थ क्या है??
भौतिकवादी संसार में......
जीवन के मझधार में......
भावना के इस ज्वार का......
अर्थ क्या है??
नैतिकता की समाधी में.....
मौलिकता की दुर्लभता में.....
स्वार्थ-परायणता के वर्चस्व में......
मनुष्य के मनुष्य से प्रेम का......
अर्थ क्या है??
प्रेम के व्यापार में......
धन में तुले संसार में.....
भावना के मोल का.......
इंसानियत के बोझ का.....
अर्थ क्या है??
जीवन के उद्देश्य का.......
अर्थ-काम के वेश का ......
हर सत्य में फरेब का.......
यथार्थ के इस ढोंग का......
अर्थ क्या है??
रक्त से लिखे इतिहास का.......
अक्षरों में दबे संसार का.......
भाषाओँ से अपाहिज संवाद का......
नफरत और अविश्वास का......
अर्थ क्या है??
इस जीवन का.....
अर्थ क्या है??
समरसता का.....
अर्थ क्या है??
व्यक्तित्व के अस्तित्व का.....
अर्थ क्या है?
ह्रदय में पनपती इन भावनाओ का......
अर्थ क्या है?
छतनार बीच इस मृत-वृक्ष का......
अर्थ क्या है?
जीवन की मरुभूमि में,
कुछ क्षण की मरीचिका का....
अर्थ क्या है?
जब प्रेम ही जीवन की उत्पत्ति का आधार है,
फिर निर्भाव कर्मठता से,
इस प्रेम के विध्वंस का....
अर्थ क्या है?
सारी धरती पर एकांत नहीं,
अगड़ित मानवों में कोई खास नहीं,
वैयक्तिकता के तांडव में,
सामाजिकता की होलिका का...
अर्थ क्या है??
मनुष्य की निर्बलता का...
अहम् से दुर्बलता का...
प्रणय की निर्धनता का.....
अर्थ क्या है??
भौतिकवादी संसार में......
जीवन के मझधार में......
भावना के इस ज्वार का......
अर्थ क्या है??
नैतिकता की समाधी में.....
मौलिकता की दुर्लभता में.....
स्वार्थ-परायणता के वर्चस्व में......
मनुष्य के मनुष्य से प्रेम का......
अर्थ क्या है??
प्रेम के व्यापार में......
धन में तुले संसार में.....
भावना के मोल का.......
इंसानियत के बोझ का.....
अर्थ क्या है??
जीवन के उद्देश्य का.......
अर्थ-काम के वेश का ......
हर सत्य में फरेब का.......
यथार्थ के इस ढोंग का......
अर्थ क्या है??
रक्त से लिखे इतिहास का.......
अक्षरों में दबे संसार का.......
भाषाओँ से अपाहिज संवाद का......
नफरत और अविश्वास का......
अर्थ क्या है??
Please dont say that earth is a planet.
ReplyDeleteHe He... Nice one... liked the change i mean the transformation of your blog... All new and fresh!
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