क़लम

मेरी क़लम ही मेरे वजूं को, मेरी जुस्तजू को बयां करती है, 
निगाह-ए-आग तो न जाने क़ब की ख़ामोश कर दी गयी....

Note: वजूं = वजूद = Basis of Existence; जुस्तजू = Quest; बयां = Express. 

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