कह दे तुझे तेरी जगह
दिखाने वालों से,
पंछी की उड़ान परो से बड़ी
होती है,
प्रतिभा या उम्मीद से
कोशिश बड़ी होती है...
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तुझे अलविदा कह भी दिया,
तेरी याद में तड़पता भी
हूँ,
अपनी इस बेखुदी पे मै फिर
सिसकता भी हूँ...
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तुझसे कोई इज़हार करने की
कोई ख्वाहिश न थी
दीदार की आँखों की ख़ता
मुआफ़ कर,
किसी महफ़िल में मेरी बिन
बुलाये जाने की परवरिश न थी
Nice poetic assemblage of thoughts.. nice lines prateek..
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