हर दिन

दिल को 
तेरे नाम की 
उम्मीद देकर 
अरमानों को 
तेरी ही आरज़ू देकर 
निकल पड़ता हूँ मैं 
ज़माने की रंजिशों से लड़ने 
हर रोज़.... 
सुकून इस बात का है 
की हर ग़म के बदले 
जो ख़ुशी मिलनी है 
वो तेरे ही दामन में इक्कठा हो रही है 
मिलेगी एक दिन मुझे 
तू जब मिलेगी मुझे 
इसी ख़याल के साथ 
तो झेल लेता हूँ 
मैं  ये सब 
हर रात 
हर दिन  

 

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