दवा

यूँ तो तुम दूर इतनी हो
की वहां की हवा
नकशासाज़ी (टोपोग्राफी)
खान पान
समाज़
राजनीतिक हवा और हालात
सब कुछ अलग है...
लेकिन फिर दिल को देखता हूँ तो पता लगता है
की तुम तो अलग हो ही नहीं
सब मर्ज़ों से बड़ा मर्ज़ तुम्ही हो
सब दर्दों से बड़ा दर्द तुम्ही हो
लेकिन क्या अजीब बात है
की इस सबकी दवा भी
बस एक तुम ही हो

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