वो दिन मुझे याद रहेगा

वो दिन मुझे याद रहेगा

तुझे हाथ लगाने वाला वो पल
वो हवाएं और वो बरसती घटाएं
वो इजहार, इनकार और इकरार का एक पल
तेरा मचलता बदन
तेरी खुशबू
तेरे सुर्ख होंठो की बेताबियाँ
बेताब होठों की हज़ार कोशिशें
कोशिशों से टूटती बाधाएं
कोशिशों से छूटते मील के पत्थर
वो तेरे होठों से निकलता जादुई धुंआ
वो तेरे अधरों का सोंधा स्वाद और खुशबू
वो तेरा मुझको ऐसे मनाना
वो दिन मुझे याद रहेगा

वो दिन की जब तुम मेरी बातों को समझ रही थी
वो दिन की जब मैं तेरे इशारे समझ सका था
वो दिन की जब जगजीत की ग़ज़लों से प्यार बढ़ रहा था
वो दिन की जब तुम और मैं साथ उन गीतों को गुनगुना रहे थे
वो दिन की जब हवा में धुंए की महक गहरी थी
वो दिन की जब तुम और मैं घंटो हँसे थे
वो दिन की जब मैंने तुम्हारे मुस्कुराते होठों को चूमा था
वो दिन की जब तुम और मैं रूह की मिलन में तल्लीन हो गए थे
वो दिन की जब तेरी खूबसूरत आहें मेरी चिरस्थायी यादें बन रहीं थीं
वो दिन की जब तेरी और मेरी धड़कनों के बीच केवल दो दिलों की दूरियां थीं
वो दिन की जब मेरी मुहब्बत पे तुम्हे यकीन था
वो दिन की जब मेरी मुहब्बत मुकम्मल थी
वो दिन की जब मेरी ज़िंदगी के सबसे हसीन लम्हे लिखे जा रहे थे
वो दिन मुझे याद रहेगा

वो तेरे इंतज़ार में घबराना
वो तेरी बेकरारी में अश्कों को बहाना
वो तेरे होते हुए तेरे जाने की बात ही पे रो जाना
इश्क़ की ऐसी जादूगीरी का वो दिन
वो दिन मुझे याद रहेगा

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