मेरे आज के अंधकार को देखकर
तूने मुझे अँधेरा समझ लिया
मेरी लौ की आग को अनदेखा कर
किसी चिंगारी का सहारा ले लिया
चल अब मुझे उस सुबह के इंतजार का
एक और बहाना मिल गया
वो सुबह की जिससे
चिंगारियों और चिरागों की कोई तुलना न होगी
उस सुबह की रौशनी
तुझसे मिलने जरूर आयेगी
तूने मुझे अँधेरा समझ लिया
मेरी लौ की आग को अनदेखा कर
किसी चिंगारी का सहारा ले लिया
चल अब मुझे उस सुबह के इंतजार का
एक और बहाना मिल गया
वो सुबह की जिससे
चिंगारियों और चिरागों की कोई तुलना न होगी
उस सुबह की रौशनी
तुझसे मिलने जरूर आयेगी
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