तेरी ख़ातिर

मैं जब भी किसी दर से ठुकराया गया हूँ
देर से सही लेकिन फिर पुकारा गया हूँ
लेकिन कहाँ है मेरी रूह जो पलट कर देखे
जाते जाते तेरी ख़ातिर मैं पछताता गया हूँ

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