तुझे मैं चाँद तारों की बातें सुनाऊं कैसे
इश्क़ के फ़सानों की सेज़ सजाऊँ कैसे
मैंने अपनी आंखों से देखे हैं इनके ऐसे खौफ़नाक मंजर
मैंने झेला है ऐसा इस ख़्वाबगोई के टूटने का दर्द
की मैं खुद तुझे इस आग में ले जाऊं कैसे
तुझसे इश्क़ करूं तो तुझे इश्क़ में ले जाऊं कैसे?
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