तू बस नज़र में नहीं है तो लगता है
कायनात में तेरी कमी सी है
मैं तुझे क्या बताऊँ मुझे तुझसे
कैसे ये बेअदब बेशुमार आशिक़ी सी है
तू बस नज़र में नहीं है तो लगता है
कायनात में तेरी कमी सी है
मैं तुझे क्या बताऊँ मुझे तुझसे
कैसे ये बेअदब बेशुमार आशिक़ी सी है
Comments
Post a Comment