दोस्त

किसी आसमां के तारे नहीं
जमीं पे बसे सितारे नहीं
कुछ खास नहीं इनमें
हर वक़्त ये हमारे नहीं
लेकिन फिर भी
मेरी हस्ती के किनारे हैं
मेरी मौज़ों के सहारे हैं
मेरे दोस्त हैं मेरे साहिल
मैंने ज़िन्दगी के इम्तेहां
इनके सहारे निकाले हैं 

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