कौतूहल on August 09, 2018 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps कौतूहल सी है एक मेरे ज़ेहन में की कुछ समझ नहीं आ रहा की मैं जश्न मनाऊं या मातम की तू ज़ख्म है या मरहम Comments
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