तेरे शहर से चले जाने की ख़बर सुनकर
न जाने क्यों दिल में मातम छाया है
फ़रेब ही सही लेकिन यक़ीन था
तू दूर है लेकिन अभी खोई नहीं
अब न जाने क्यों दिल घबरा रहा है
इस ख्याल से
कि किसी मोड़ पे
तुझसे टकरा जाने का डर भी
हमारे कल की तरह
अब फ़िज़ूल हो गया
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