वक़्त

वक़्त भी आख़िर
किस किस से हिसाब लेगा
आखिर एक दिन
मेरी तरह
थक हार कर
छोड़ देगा
यही सोच कर
अब वक़्त की भी
दुहाई
नहीं देता किसी को

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