मैं देख रहा हूँ
अँधेरे की गहराई
कम हो रही है
इसके बाद ये अँधेरा
छँटने लगेगा
और एक दिन
रौशनी की किरण
इसे चीर देगी
और फ़िर
एक नया दौर आएगा
मुझे इस बात से राहत तो है
लेकिन ये अँधेरा
जो अब मेरा पुराना साथी बन चुका है
उसके इस आखिरी दौर का दुःख भी है
ये बेहतरी के बदलाव का एक मीठा दर्द है
अंधेरा भी देखो
जाते जाते
ये रुख़ भी दिखा ही गया
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