बाकी है

यूँ तो कोई नज़र सी लग जाती है मेरे मंसूबों को अक्सर
लेकिन शायद कुछ माँ की दुवाओं में भी असर बाकी है
अब भी कुछ सपनों में उड़ने की ललक बाकी है
फड़फड़ाती हुई मेरी लौ में अभी जलने की कसक बाकी है

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