कितनी बार लगता है
कहीं ये तू तो नहीं
मैं तुझ तक पहुँचने की
कितनी कोशिशें करता हूँ
ये बात तुझसे कभी कहूँगा नहीं
लेकिन इन फ़िज़ूल कोशिशों से
इन बेकार के उपक्रमों से
इनकी हर बार की हार से
बहुत, बहुत थक चुका हूँ मैं
कहीं ऐसा न हो कि जब तू आये
तब तक मैंने
तुझे खोजना ही छोड़ दिया हो
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