मैं जिस नज़र से तुझे देखता हूँ

मैं जिस नज़र से तुझे देखता हूँ
तू गर उसका नज़रिया समझ जाए
मैं पूरे एहतेराम से कहता हूँ
तेरा भी दिल दरिया बन के बह जाए

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