मुझे आज उनका हाल चाल मिला है
जिन्हें भुलानी की साज़िशें
हर शाम बेकार हो जातीं हैं
न मैंने उनसे मुहब्बत छोड़ी
न नफ़रत छोड़ी है
वो कहते हैं तो अब उनसे
दोस्ती छेड़ी है
दिल फिर भी खुश है
उसे आज उनका
आख़िर कोई तो पैग़ाम मिला है
मुझे आज उनका हाल चाल मिला है
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