गैर मुस्तकिल मिज़ाज़

जंग छिड़ी रहती है हर रोज़ ही यहां
कभी उम्मीद आगे
तो कभी तक़दीर भारी
न जाने क्यों लोग इसमें मुझे
गैर मुस्तकिल मिज़ाज़* समझ लेते हैं

* Indecisive

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