जाने क्यों अब मूर्तिकार नहीं होते
जो होते हैं
वो देवी देवता और नेता के आगे बढ़ते ही नहीं
देखो न नज़रें घुमा कर
कितने खूबसूरत प्रेरणा स्त्रोत
घूमते हैं इधर उधर
काश मैं कोई हुनरमंद मूर्तिकार होता
काश मैं इन्हें संगमरमर में ढाल सकता
इन हसीन मुस्कुराहटों को
2D तस्वीर में नहीं
बल्कि 4D के फ़ील वाली
मूर्तियों में पिरो सकता
काश, मैं कोई हुनरमंद मूर्तिकार होता
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