कोशिश

कुछ कोशिशों में
कुछ ऐसा हारा हूँ मैं
की अब अपनी ही नज़र में
नकारा हूँ मैं
नियति पे डाल देता हूँ तो ज़िंदा हूँ
ख़ुद पे ले लूँ तो
ख़ुद को नागवारा हूँ मैं
कुछ कोशिशों में
कुछ ऐसा हारा हूँ मैं

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