माना कि मेरे महबूब के नख़रे तीखें हैं बहुत

माना कि मेरे महबूब के नख़रे तीखें हैं बहुत
माना कि उसका साथ मेरी जेब की औक़ात में नहीं
मग़र देखो, ये कमी मेरी है
तुम दिल रखने को भी
उसे नीचा न दिखाओ
वो सपना है मेरा
उसे झूठा न बताओ

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