तुम मुझसे मिलती या बात करती होती
तो मैं आज के दिन पे तेरा मरहम लगाता जरूर
कुछ भी करके मैं आज तुझसे मिलने आता जरूर
कुछ दिन तेरे न होने के ग़म को
रोज़ाना से गहरा महसूस कराते हैं
कुछ दिन बस यही लगता है दिन भर
की काश आज मेरे साथ तू होती
काश हमारे पास एक शाम होती
ज़िन्दगी फिर कितनी आसान होती
केवल गर तू आज मेरे साथ होती
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