मैं भी कोई शहंशाह होता तो जागीर लुटा देता
तुझे क्या इल्म
मैं तेरी मोहब्बत में क्या कुछ लुटा देता
लेकिन मेरे पास
मेरे दिल के बिखरे टुकड़ों के सिवा
कुछ भी नहीं
तुझे देने को मेरे पास
शायद दर्द के सिवा
कुछ भी नहीं
मैं भी कोई शहंशाह होता तो जागीर लुटा देता
तुझे क्या इल्म
मैं तेरी मोहब्बत में क्या कुछ लुटा देता
लेकिन मेरे पास
मेरे दिल के बिखरे टुकड़ों के सिवा
कुछ भी नहीं
तुझे देने को मेरे पास
शायद दर्द के सिवा
कुछ भी नहीं
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