क्यूँ

दिल आज भी पिघला हुआ सा मोम क्यूँ है
तुझे सोचकर आज भी आंखों में आंसुओं का होम* क्यूँ है

*होम - ओम से व्युत्पन्न - हवन कुंड में डालने हेतु हाथ में ली गयी हवन सामग्री।

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