वो नहीं है, कहीं नहीं है

अब तो एक आदत सी हो गयी है
इस यकीन के साथ जीने की
की वो की जिसकी तमन्ना में
तड़पती थी ये रूह हर दिन हर रात
वो नहीं है, कहीं नहीं है

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