ऐसा शायद हमेशा ही होता है,
कुछ बीत जाने के बाद भी,
उसका कोई अंश बचा रहता है,
और तार पर लटकी बारिश की बूँद की तरह
हैसियत भर ही सही,
लेकिन खात्मे के एहसास से जंग लड़ता है
ऐसा शायद हमेशा ही होता है
ऐसा शायद हमेशा ही होता है,
कुछ बीत जाने के बाद भी,
उसका कोई अंश बचा रहता है,
और तार पर लटकी बारिश की बूँद की तरह
हैसियत भर ही सही,
लेकिन खात्मे के एहसास से जंग लड़ता है
ऐसा शायद हमेशा ही होता है
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