एक दरख़्वास्त

मेरी एक दरख़्वास्त सुनो
अबकी बार कुछ ऐसे जाओ
की ये दरवाज़ा बंद करते जाना 
अबकी बार कुछ ऐसा करो
की फ़िर तुमसे मुहब्बत न हो 
कर सको तो जाना 
जान-ए-जानां

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