यार कमियां तो हम दोनों में बोहोत होंगी,
पर बात इसकी है
कि क्या मैं वो हूँ
जिसके लिए
तुम अपनी कमियों पर क़ाबू पा सको
और क्या तुम वो हो
जिसके लिए
मैं अपनी कमियों को पीछे छोड़ सकूं
और क्या हम
एक दूसरे की उन कमियों के साथ जी सकते हैं
जिनसे हम जीत नहीं सकते?
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