दिल में एक हिमालय है तेरी मोहब्बत का
और उसके सामने मैं एक छोटा सा इंसान
क्या हवाएं चलतीं है इस पर
क्या नज़ारे होते हैं
कहते हैं लोग की हिमालय अभी जवान है
अभी उसकी ऊंचाई और भी बढ़नी बाकी है
क्या तुमनें इस हिमालय को ठीक से देखा है?
क्या तुम इसके शिखर पर जाना नहीं चाहती?
गर तुम वहां गयी तो समझ पाओगी
वहाँ तुम ही शिव हो, तुम ही शिवालय
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