खुली आँखों से मैं तेरे सपने देख लेता हूँ

खुली आँखों से मैं तेरे सपने देख लेता हूँ 
तेरी अनुपस्थिति में भी तेरी आवाज़ सुन लेता हूँ 
न जाने कैसा मानसिक रोग है ये 
ख़ुदकुशी है ये इश्क़ 
ये जानते हुए भी मैं
ये रोज़ कर लेता हूँ 
खुली आँखों से मैं तेरे सपने देख लेता हूँ 

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