दर्द हो उनको तो सिसकियाँ यहां क्यों उठती हैं

दर्द हो उनको तो सिसकियाँ यहां क्यों उठती हैं
उनकी परेशानी से मेरी साँस क्यों थमती हैं
ये मुहब्बत कैसी हो गयी ए ख़ुदा 
की तकल्लुफ़ साथ से भी है और जुदाई से भी
जिस्म दो हैं और जिंदगी जुदा
तो ये जानें जुड़ी सी क्यों लगती है
दर्द हो उनको तो सिसकियाँ यहां क्यों उठती हैं

Comments