किसी ने पूछा कि हाल कैसा है

किसी ने पूछा कि हाल कैसा है
तो हमनें कहा कि वो शहर में हैं
आशिक़ होंगे तो समझ जाएंगे
वो क्या है जिसे दीवानगी कहती है दुनिया

वो अपने आप में एक कयामत हैं 
उनके आने से शहर का मामूल (routine)
रोज़ सा नहीं रहता 
उनके शहर में होने से 
मेरा हाल, मेरे हालात 
मेरे हाथ में नहीं होते 
वो साथ हों
तो दुनिया में कोई जन्नत कहीं और कहाँ है
वो शहर में हों फिर भी न मिलें
तो इससे भयानक कोई सज़ा, कोई ज़ुल्म क्या है
किसी ने पूछा कि हाल कैसा है
तो हमनें कहा कि वो शहर में हैं

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