शफ़क़ नाराज़ है खुदा से

क्यूँ तड़पता हूँ मैं यूँ उसके लिए 
जब उसे ये दूरी तड़पाती नहीं
क्यूँ मेरी मुहब्बत कभी उसके 
किसी भी काम आती नहीं 
मैं कैसे छीनूँ उससे परेशानियां उसकी 
मैं कैसे उसे अपने भाग दे दूं 
कोई तो तरीका सुझाओ यारों 
शफ़क़ नाराज़ है खुदा से 
उसे कोई तो मनाओ यारों 

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